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Dec 2017
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मेरी आहों में तपिश है, ना दुवाओं में असर!
किसी को क्या ना दें, और किसी को क्या दे दें!!


तुमने चलाए तीर थे, जो हम पे चल गये!
कुछ जा लगे जिगर में, और घाव कर गये!!

कशिश से फारिस्ते भी ज़मीं पर उतार आते हैं!
शिद्दत से गर बुलाओ, तो वो ज़रूर आयेंगे!!


दिलकश अदा से इतर है दिल की खलिश जनाब!
दिल में गर खलिश हो तो, वो मिल ही जायेंगे!

*deovrat-12.12.2017 (c)
Deovrat Sharma
Written by
Deovrat Sharma  58/M/Noida, INDIA
(58/M/Noida, INDIA)   
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