Submit your work, meet writers and drop the ads. Become a member
Nov 2017
मुशीबत आने पर
इंसान इंसान का हाथ छोड़ देते है,

जैसे सूर्यास्त के बाद
परछाई साथ छोड़ देते है,

लोग कहते है आप तो मेरे जीवन हो,
पर समय के रुख से वो भी मुह मोड़ लेते है,

हर वक़्त आप पर मोहब्बत बरसाने वाले
एक दिन खुद ही इस दिल को तोड़ देते है,

किस-किस पर भरोसा करे साहेब
जिसपर विश्वास करो वही भरोसा तोड़ देते है,

लूट के नींद- चैन आपके ज़िन्दगी के
कुछ लोग दर्द के ज़हर को घोल देते है,

इस दुनिया की क्या बात करे
मुशीबत आने पर ये साथ छोड़ देते है।

मनीष.......✍
Shrivastva MK
Written by
Shrivastva MK  23/M/INDIA
(23/M/INDIA)   
  501
       ---, Sarita Aditya Verma and Shrivastva MK
Please log in to view and add comments on poems