इस अंधेरी रात में दिए की एक लौ ही काफी है जिन्दगी जीने के लिए आशा की एक वजह ही काफी है जब तक तेरा साथ है जिन्दगी हसीन है तेरे बिना मेरे कर्म कर्महीन हैं जिन्दगी पूरी होते हुए भी अधूरी है सुलझे डोर भी अनसुलझी पहेली है इस अंधेरी निशा में मेरी दामिनी मेरी जिन्दगी का वो खिलता गुलाब का फूल जिसके न कोई साथी न शूल।