आज दो-चार बूँद आंसू के मुझे भी छलका लेने दो, रो रहा हूँ मैं,दर्द के गीत मुझे भी गुनगुना लेने दो, अब हसीन लमहात की ख्वाईश न रही, ये ज़ख्म जो तूने दिया मुझे ,इसे खूबसूरत दुनिया से छुपा लेने दो,
क्यों किये इतने सारे वादें जब तोड़ के जाना ही था, देके दर्द जुदाई का मुझे,मेरा दिल दुखाना ही था, क्यों दिए मुझे ये झूठी मुस्कान जब, लूट के मेरा नींद-चैन मुझे रुलाना ही था,
ओ बेवफा सनम हमे पता न था कि आप पलभर में बदल जाओगे, चंद मिनटों की खुशी के लिए वर्षो का प्यार भूल जाओगे, आँखें तरस रही आपके एक झलक के लिए, पता नही था कि,आप किसी और के लिए मुझसे यू रूठ जाओगे, मुझसे यू रूठ जाओगे........