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Shrivastva MK Aug 2018
आज भी उनके पुराने ज़ख्मो से भरा है ये दिल,
जब भी आती वो पुरानी यादें रो पड़ा है ये दिल,

अरे कौन कहता कि नए लोगों से पुराने दर्द कम हो जाते है,
लोग खो कर मरते है पर किसी को पाकर भी मरा है ये दिल,

अंदर ही अंदर घुट घुट कर हम उन्हें माफ करते गए,
और उन्हें लगा कि मेरे पास बहुत बड़ा है ये दिल,

कभी मोहताज़ थे हम उनकी मोहब्बत-ए-इज़हार को,
पर आज तो उनके लिए सिर्फ़ नफ़रतों से भरा है ये दिल,

ज़िन्दगी चन्द लम्हों की होती और हम सपनें सात जनम के देखते,
भला कोई ये तो बताये की क्या किसी का इस जनम से भरा है ये दिल,

कभी लड़ते थे हम खुदा से किसी के मुस्कान के लिए,
पर आज ख़ुद की मुस्कान के लिए खुद से ही लड़ा है ये दिल,

नम आँखों के साथ लिखी है हमनें भी वो पुराने ज़ख्म,
क्या करें साहब आज बहुत टूट टूट कर खड़ा है ये दिल...


कितने भी छुपाओ पर ये सिलसिला कहाँ थमने वाला...
Shrivastva MK Aug 2018
जहाँ हमें अपनो जैसा यार मिलता है,
वहाँ हमें खुशियों का संसार मिलता है,
बेहद खुशनसीब होते है वो लोग जिन्हें
ख़ुदा से दोस्ती का उपहार मिलता है,

दोस्त हमेशा ही इस दिल के पास होते है,
दूर हो जाये दुनिया पर वो हमारे साथ होते है,
हर पल हो जाता ज़न्नत की तरह खूबसूरत,
जब सारे दोस्त हमारे आस पास होते है,

दोस्त हमें ज़िन्दगी जीना सीखा देते है,
दोस्त हर मुश्किल को आसान बना देते है,
कुछ दोस्त बनकर देते है हमें धोखा,
तो कुछ हमेशा के लिए इस दिल मे समा जाते है.....
.........................

Wish u all Happy friendship day..May ur everyday n every moments full of with happiness and Joy...
God bless you all n Stay happy....
Shrivastva MK Jul 2018
ऐ मेरे साथिया ज़िन्दगी के रंगमंच का पूरा सफ़र बाकी है,
दर्द की बातें बहुत हुई बस प्यार का थोड़ा असर बाकी है,

एक छोटे से घर मे गम मिला तो क्या हुआ,
देखने के लिए तो अभी पूरा शहर बाकी है,

आप क्यों रोते हो हर छोटी छोटी बातों पर,
अभी तो मेरे ज़ज्बातों का पूरा कसर बाकी है,

बस थोड़ी सी पी थी हमने जाम प्यार का,
अभी तो प्याली मे रखी पूरी ज़हर बाकी है,

कौन कहता है लोगों से तबाह हो गई मेरी ज़िन्दगी,
सब्र कर पगले अभी तो कुदरत का पूरा क़हर बाकी है,

पलभर के दर्द से क्यों होते हो परेशान साहब,
अरे खुशी के लिए तो अभी पूरा पहर बाकी है,
पूरा पहर बाकी है........
Shrivastva MK Jul 2018
ज़िन्दगी का मतलब बस कुछ लोग ही समझ पाते है,
जिससे मोहब्बत होती साहब वही दर्द दे जाते है,
कभी छुपी होती है मीठी बातों में गहरे राज,
और कभी सबकुछ जानते हुए भी हम अनजान रह जाते है,

विश्वास की डोर उस वक़्त कमजोर पड़ जाते हैं,
जब कोई इंसान शक के दायरे में आ जाते है,
कभी वर्षो लग जाते है इस विश्वास को बनाने मे,
और कभी कुछ लोग पलभर में इसे तोड़ जाते हैं,

कोई रुलाकर जाते है तो कोई हँसाकर जाते है,
कोई अपना बन इस दिल को दुखाकर जाते हैं,
वो मनीष तो कब का खो गया हैं खामोशियों की गलियों में,
कोई इसे नासमझ तो कोई इसे हमारी मज़बूरी बता जाते है।
Shrivastva MK Jul 2018
हम रोते रह गए उनके सामने और वो मुस्कुराकर चले गए,
हम प्यार करते गए बेइन्तहां उनसे और वो दिल दुखाकर चले गए,

ज़िन्दगी को जीना अभी सिख ही रहा था मैं,
और वो खूबसूरत ज़िन्दगी में आकर चले गए,

जो आँखे हमेशा खुश देखना चाहती थी उनको,
उन्हीं तरसती आँखों को वो रुलाकर चले गए,

मुन्तज़िर था जिस पल का मैं वर्षो से साहब,
उस पल से पहले ही वो सबकुछ भुला कर चले गए,

बेहद खूबसूरत ख़्वाब सजाये थे हमने उनके लिए,
पर वो पलभर में सारे ख़्वाब जला कर चले गए,

वो लफ्ज़ जिससे इन कानो को कभी बेहद सुकूँ मिलता था,
उन्ही लफ्ज़ों से हमें बेवफ़ा बना कर चले गए,

खुद से ज्यादा प्यार था इस दिल में उनके लिए,
पर उस प्यार को वो अधूरा बना कर चले गए,

दिल तो आज भी रोता है उन पलों को यादकर,
और वो इस नादां दिल को दर्द-ए-मंज़र बना कर चले गए,
हमें रुलाकर चले गए....
.
मनीष

based on imagination....
Shrivastva MK Jul 2018
ये बेरंग ज़िन्दगी इतनी आसान ना होती,
यदि आपका अहसास मेरे साथ ना होती,

मायूशी में मुस्कुराना तो हमे आपसे आया है,
आपको पाया जैसे हमने उस खुदा को पाया है,

दिल से जुड़े रिश्ते शायद इसलिए बेहद ख़ास होते है,
क्योंकि ऐसे रिश्ते में एक अटूट विश्वास होते है,

जिन रिश्तों में विश्वास नही होते वो रिश्ते अक्सर टूट जाते है,
चलें जाते जब दूर हम,तब हमारी अहमियत समझ आते है,

जब हमारे जज़बात एक दूसरे से जुड़ जाते है,
बिन कहे ही इस दिल की बात उस दिल तक पहुँच जाते है,

ऐ ख़ुदा मेरी हर खुशी उनके नाम कर दे,
उनके लबों पर मीठी मुस्कान कर दे,

जन्नत से भी खूबसूरत है ये अनमोल रिश्ता हमारा,
ऐ मेरे रब सलामत रखना हमेशा ये दोस्ताना हमारा....


Dedicated to my dearest frd....
Shrivastva MK Jul 2018
आज के बच्चे घर के संस्कारों में कहाँ पड़ते है,
सुबह उठते ही चलो एक Selfie पोस्ट करते है,

आज online के चक्कर मे हम अपनो को भूलते जा रहे,
Whatsapp/facebook को ही हम अपना बता रहे,

संस्कारिक ज्ञान तो जैसे ओझल हो गए,
Whatsapp/fb पर आज हम खुद ज्ञानी हो गए,

दिनभर online रहना और अच्छे अच्छे पोस्ट करने में क्या जाता है,
और जब बात अमल की हो तो वो उपदेश हमे कहाँ समझ आता है,

वो पुराने group वाले फ़ोटो तो जैसा गायब ही हो गया,
Selfie के चक्कर मे इंसान कितना स्वार्थी हो गया,

Last seen और status को ही अपनी ज़िन्दगी बता रहे,
Whatsapp/fb पर online होकर खुद को busy बता रहे,

"11 लोगों को भेजो तो मनोकामनाये पूर्ण हो जाएंगी" और गंदी पोस्ट को खूब शेयर किये जाते है,
खुद हरपल हरवक्त हरदिन बनते है बेवकूफ़ और अपने आप को group admin बताते है,


कभी हमारे पूर्वज गुरुकुल में पढ़ते और हमारा देश विश्वगुरु कहलाता,
आज हमारे बच्चे कान्वेंट स्कूलों में पढ़ते और हमारा देश सबसे पीछे है आता.....
वक़्त की अहमियत को समझिये...
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