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Jul 2018
हम रोते रह गए उनके सामने और वो मुस्कुराकर चले गए,
हम प्यार करते गए बेइन्तहां उनसे और वो दिल दुखाकर चले गए,

ज़िन्दगी को जीना अभी सिख ही रहा था मैं,
और वो खूबसूरत ज़िन्दगी में आकर चले गए,

जो आँखे हमेशा खुश देखना चाहती थी उनको,
उन्हीं तरसती आँखों को वो रुलाकर चले गए,

मुन्तज़िर था जिस पल का मैं वर्षो से साहब,
उस पल से पहले ही वो सबकुछ भुला कर चले गए,

बेहद खूबसूरत ख़्वाब सजाये थे हमने उनके लिए,
पर वो पलभर में सारे ख़्वाब जला कर चले गए,

वो लफ्ज़ जिससे इन कानो को कभी बेहद सुकूँ मिलता था,
उन्ही लफ्ज़ों से हमें बेवफ़ा बना कर चले गए,

खुद से ज्यादा प्यार था इस दिल में उनके लिए,
पर उस प्यार को वो अधूरा बना कर चले गए,

दिल तो आज भी रोता है उन पलों को यादकर,
और वो इस नादां दिल को दर्द-ए-मंज़र बना कर चले गए,
हमें रुलाकर चले गए....
.
मनीष

based on imagination....
Shrivastva MK
Written by
Shrivastva MK  23/M/INDIA
(23/M/INDIA)   
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   Anonymous
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