Submit your work, meet writers and drop the ads. Become a member
Walking along the sea shore
Feeling tired after the daily chores

Beauty of sunset growing more
No one can simply ignore

By the gloomy sun a red carpet is spread
But happy to welcome the night instead

Calm and blue sea ready to sleep
Covering itself with a glittering sheet

Waiting for lullaby in a cool night
Sung by the silvery moonlight

Making me sad sometimes sunset sight
But inspires me always to shine bright

A glowing sun hiding down the sky  *****
Promise to come and bring new ray of hope
O! What a mess is today’s condition
Pondering over the current situation
Corona making our lives complex
We might helpless, but not hopeless

So what !we stay inside
So what! we  can’t go for a long drive
Sun , stars moon still shining in sky
Cool breeze blowing in our lives

Time to explore your inner soul room
Pursue your  passion and study on zoom
Prevention is better than cure
Always be safe make it sure

Head to toes , keep it sanitized
Put Mask and gloves, when step outside
It’s your body no one can harm
Eat healthy to build immunity strong

Thousands die and  hundreds recover
I plead to God have mercy on us
This pandemic please take away
With my friends again,  I could play
Blooming flowers in desert land
Stretching greenery in yellow sand

Camel, date and oil wells
It’s just a past that history tells

Today it marked proudly its name
On top of the world in progress and fame

Arts,science and modern education
Speedy growth in space mission

Different people from different region
Varied culture, diction and religion

Bedecking them on its forehead
Glittering all as bright as rubi red

Center of tourism and trade
Points of entertainment are great

Touching the sky , burj khalifa’s height
Simply amazing palm islands site

Law and orders, duties and rights
All are equal , no compromise

Integrity, vision and commitment
Strong Tools of a great government

Busy and lively roads
With safety and peace both

East and West mingle  nicely
Smiley faces twinkle brightly

Eid, onam , Diwali and Christmas
Melody of festivities bring happiness

Carving globally its place
We salute  Arab Emirates

“ Shabistan @
What could be the
Matter of I take pride
Cast and creed
Races and breed
Is it my colour
Or my size
This is not the matter of i take pride
I can see diversity
All over the world
Weave it with integrity
Could Paint it with love
This is the matter I take pride
Reaching to the excellence
could be my target
But always have patience
That I never  forget
This is the matter I take pride
Respect to lifestyle
Of people of high profile
If I could help my helper
And be reason for their smile
This is the matter I take pride
Winning and losing
Is a part of life
My participation
Of course a matter of i take pride
खिल उठे गुल रेगिस्तान में
बिखर गए सबज़ रंग गली मैदान में

ऊंट, खजूर और तेल की खदान
होगी क़भी यह इसकी पहचान

आज लिखी है दुनिया में इसने
तरक़्क़ी की अजब दास्तान

कितने मुल्कों के यहाँ बसे बाशिंदे
क़िस्मों के रंग रूप  मज़हब  और ज़ुबान

सजाए इसने ताज ए अमीरात में
चमके जो  जगमग बन के हीरे

बना तफ़री और तिजारत का मरकज़
लगा रहता है सैलानियों का जमघट

साइयन्स, तकनीक , कला और तालीम
फलक से भी आगे होगी इसकी खोजबीन

समंदर में बसायी आलीशान बस्ती
आसमाँ को चूमती बुर्ज ख़लीफ़ा की हस्ती

कायदे - क़ानून , फ़रायज और हकूक़
सब के हैं बराबर , ना होती है चूक

पाबंदी,मुसतैदी,दूरंदेशी और ईमानदारी
क्या ख़ूब निभाती है हुक़ूमत ज़िम्मेदारी

रात दिन सड़कों पर रहती है रौनक़
है  फ़िज़ा में तहुफ़्फ़ुज़ और राहत

मशरिक़ और मगरिब घुले मिले  हैं
मुस्कानों के दिए जले हुए हैं

ईद , क्रिसमस , दिवाली और ओनम
गूंजती है सब त्योहारों की सरगम

दुनिया के नक़्शे में रौशन जिसका नाम
उस  अरब अमीरात को हमारा सलाम
हँसी रात तारों भरी
बादलों की ओट से झाँके चाँदनी मदभरी
यह नज़ारा कितना प्यारा
स्याह फलक में झिलमिलाता गलियारा
छुप जाएँगे तारे
फैलेगा जब सूरज का उजियारा
यह  नज़ारा कितना प्यारा
चमकेगा जगमग जब यह जग सारा
सूरज की यह लाली शाम आयी मतवाली
पंछी परिंदो ने राह ली घरवाली
यह नज़ारा कितना प्यारा
थके जिस्मों को आशियाँ
का सहारा
हँसी रात तारों भरी
बादलों की ओट से झाँके चाँदनी मदभरी
यह नज़ारा कितना प्यारा
स्याह फलक में झिलमिलाता गलियारा
छुप जाएँगे तारे
फैलेगा जब सूरज का उजियारा
नयी उमंगो संग नयी तरंगों संग
करने ख़्वाबों को सच
आयेगी सुबह फिर नयी निराली
यह नज़ारा कितना प्यारा
खो ना देना नींद में ही
उगते सूरज के जोश सा
हौंसलों का पिटारा
लगे रूयी के गोले
लगे बरफ के गोले
बादलो के टुकड़े
लगे कितने सजीले
दूधिया सा रंग
फैला सुंदर सा गगन
मन चाहे इनमें झूलूँ
लूँ मस्त हिंडोलें
जितनी हँसी ज़मीन
उतना यह आसमा
क्या बन सकता है
बादलों का बिछओना
छू के देखा  नहीं है
हाथों से पकड़ा नहीं है
लिया पानी की बूँदों ने
नया रूप सलोना
ना जेबों में भरा जाए
ना तिजोरी में समाए
क़ुदरत का क़ीमती
यह अनमोल ख़ज़ाना
कभी ग़ुस्से से गरजे
कभी प्यार से बरसे
जड़े कर्ण कर्ण में
ज़िंदगी का नगीना
कभी यूँही ख़यालों में
बचपन की यादों के गलियारो में
करती हूँ जब भी मैं सफ़र
एक चेहरा आता है नज़र
वो जो पोशाक से ले कर पहनावे तक
तालीम से लेकर रखावे तक
रखता था हिसाब और ख़बर
बसता क्या ,किताबें क्या, क्या क़लम ,क्या कवर
स्कूल हो ,या क्लास ,या सीट हो किधर
रहती थी जिसको हर बात की फ़िकर
हाथ के जिसके सिले कपड़े, बुने स्वेटर
निकले जब भी हम घर से पहनकर
सवाल हर कोई करता आगे बढ़ कर
किसने सिला किसने बुना कौन कारीगर
बीमार हो तो दवाखाने का चक्कर
बाज़ारों में घूमना भरी दोपहर
गुज़र जाता है बचपन पलक झपक कर
रह जाता है मगर जहनों के सफ़ों पर
होते है सभी माँ बाप भाई बहन उसका  हिस्सा
पर चेहरा वो है एक.........,,







नाम जिसका सबिहा

— The End —