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हिंदी करती संस्कृति को आलोकित
लिखो, पढ़ो और हो जाओ रोमांचित
अंतरा-अंतरा बसे मिठास
समास-समास शब्द विलोप
छंद- छंद है श्रुति मूलक
अलंकार -अलंकार सौंदर्यपरक
जानो भेद करो विश्व व्यापित
लिखो,पढ़ो और हो जाओ रोमांचित
मुहावरा-मुहावरा गुणों की खान
रस - रस बोले व्यक्तित्व महान
श्लोक - श्लोक स्वास्थ्य
यह है संपूर्ण जीवन पथ्य
लेकर खुराक करो जीवन आनंदित
लिखो, पढ़ो और हो जाओ रोमांचित
जिसने किया इसमें काम
उसका बना अलग मुकाम
बच्चन,नीरज या प्रेमचंद नाम
ये काल को दे गए पैगाम
हिंद है हिंदी का मुल्क
बोलो हिंदी होकर दत्तचित
पढ़ो, लिखो और हो जाओ रोमांचित
# Hindi Diwas: 14th September

— The End —