इन साँसों को मज़ाक मत समझा करो जनाब,
इनकी एहमियत तुम्हे नही होगी शायद,
मगर एकबार अपनो को पुछकर तो देखना!
इन साँसो के साथ खेलने से पेहले,
तुने क्या खोया ये नही, तुने क्या पाया,
ये सोचकर तो देखना एकबार!
कभी जो चाहा वो ना हुआ तो क्या?
क्या खुद पर इत्ना भी विश्वास नही, हिम्मत नही,
की अपनी परेशानियों से लड़ सको?
क्या इन परेशानियों से बढकर है,इस जिन्दगी की किमत?
अगर कुछ हांसिल ना कर सेक तो क्या,
जिंदगी आगे नही बढेगी, क्या वही थम जायेगी ?
बस एकबार सोचकर तो देखना,
इन साँसों के साथ खेलने से पहले!!!