आप का नाम
होठो पे मेरे, कभी ला सका न, आपका नाम
वरना मेरे लिए, हो जाते आप बदनाम
मन ही मन में लिया आपका प्यारा नाम
आपको भी पता न चला, लेता हूं मै आपका ही नाम ।
लिख लेता हूं कभी, समुंदर की रेत पर यह नाम
पर समुंदर का पानी, उसे मिटाने का करता है काम
फिर भी, बुझा लेता हूं इस तरह, मैं अपने अंदर की आग
और रखता हूं ध्यान, आप के पाक दामन पे लग न जाए कोई दाग
बस, खिला लेता हूं खुशी की कलिया और फूल, बैगर कोई बाग ।
तस्वीर पे आप की, लगा देता हूं रंग, आता है जब फाग
मस्तिष्क केहता है दिल को, यह सपना है, इससे तु जाग
कहता है, समझ सच्चाई को; बस यही है तेरा भाग
नहीं तो तू, इस इश्क़ में हो जाएगा बदनाम और बरबाद ।
पर दिल चाहता है, मै संजो के रखु तेरा नाम, तेरी याद;
होथो पे सदा रहे तेरा ही नाम; और हो न कोई विवाद
मौत आते ही, हो जाएगी तु, इस पागल प्रेमी से आज़ाद ।
जब प्यार का हो चर्चा, सब नाम लेंगे मेरा, मेरे मरने के बाद ।
मरते मरते भी करूंगा दुआ, रहे तु सदा शाद- आबाद ।
Armin Dutia Motashaw