श्याम को राधा चाहे, राधा को चाहे श्याम
राधाकृष्ण राधाकृष्ण बोलो सुबह-शाम
कान्हा बजाए बांसुरी और राधा गाए गीत
देव और दैत्य बैठें देखे उनकी प्रीत
दूर रखकर बंधन और दूर रखकर रीत
प्रेम यह पाप नहीं, करो सरेआम
राधाकृष्ण राधाकृष्ण बोलो सुबह-शाम
दिन को चले लीला और रात को चले रास
तन से भले दूर रहे, मन से रहे पास
एक ही दिल है उनका, एक ही है सांस
छोड़ दीजिए दुश्मनी की सारी ताम-झाम
राधाकृष्ण राधाकृष्ण बोलो सुबह-शाम