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Apr 5
यह कुछ ऐसा ही ‌है
जैसे पतझड़ में अनायास
पत्तों की बरसात
बरसात में भीगकर
आती गर्माहट की बात।।
- मेरी पुस्तक " ठाटलिया : कविताओं का पिटारा " से उद्धृत

ठीक उसी प्रकार मनोज कुमार का नाम
और भारत की तस्वीर साथ-साथ जुड़े रहेंगे।
     विनम्र श्रद्धांजलि 🙏🙏
Mohan Jaipuri
Written by
Mohan Jaipuri  60/M/India
(60/M/India)   
  90
 
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