फिलीस्तीनी और यूक्रेनी पिस रहे हैं युद्ध की चक्की रूसी और इजराइली भी होंगे दु:खी यह बात है पक्की मानवता को रख सर्वोपरि कूटनीति से बने कोई काम कूटनीति है समझ निराली यह नहीं है व्यवहार मवाली शान्ति में छिपी खुशहाली शान्ति है जीवन की लाली कविता में लिख भेजी है मैंने अपने मन की बात ज्यादा लिखी व्यथा कहलाए इतना ही कविता दिवस पर लिखना एक कवि के हाथ।।