Submit your work, meet writers and drop the ads. Become a member
Feb 11
आ रहे नव पल्लव
जा रही है खिजां
युवाओं के मिलन में
बिक रहे हैं पिज्जा ।।
रोज डे पर गर्व से
तोड़ा एक ग़ुलाब
अदब से थमा दिया
करीब से देख शबाब।
प्रपोज डे के दिन
घंटों किया रियाज
बोलना था मेरी होज्या
पर आड़े आया रिवाज।
चोकलेट डे बटोरा
थोड़ा सा होंसला
थोड़ा हाथ फिसला
मौका हाथ से निकला।
टेडी डे आते-आते
बदली उसकी चाल
एक भालू साथ दिखा
मेरे लिए बचा मलाल।
प्रोमिस डे पर बस
खुद से किया वादा
भारत में काम का नहीं
हरगिज़ यह सौदा।
आ रहे नव पल्लव
जा रही खिजां
युवाओं के साथ मिल
बजावां होली का बाजा।‌।
Mohan Jaipuri
Written by
Mohan Jaipuri  60/M/India
(60/M/India)   
69
 
Please log in to view and add comments on poems