Submit your work, meet writers and drop the ads. Become a member
Feb 7
शहर में होकर‌ शहर के नजारे
हों तो कोई नई बात नहीं
देखे जब शहर में गांव के नजारे
तो खुद से मुलाकात हुई ।
पीछे फार्म हाउस के नजारे
सामने पार्क में जोड़ों ने
नीम की छड़ियों से
एक-दूसरे पर बरसात की
बरबस ही दिन की गांव
जैसी ही शुरूआत हुई।।
Mohan Sardarshahari
Written by
Mohan Sardarshahari  56/M/India
(56/M/India)   
43
 
Please log in to view and add comments on poems