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17h
लिखता हूं, अच्छा लगता है
और लिखता हूं तभी पढ़ता हूं
कोई टिप्पणी करता है, सीख मिलती है
टिप्पणी नहीं करता, सुधार की जरूरत है ।
दस लोग जुड़ते हैं , दस मित्र हैं
ज्यादा संख्या हो अच्छा है
ज्यादा मित्र नहीं होते, प्रशंसक होते हैं
प्रशंसक स्थाई नहीं होते, मित्र स्थाई होते हैं ।
लिखता रहूंगा मित्र हैं, समय है
लिखना मेरी खुराक है
प्रशंसक जुड़ना मुराद है
मुराद पूरी हो ना हो, खुराक से जीवन है।।
Mohan Sardarshahari
Written by
Mohan Sardarshahari  56/M/India
(56/M/India)   
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   Immortality
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