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Nov 20
वक्त ऐसे भी कुछ आते हैं
लगता है फिर से खुल गई
कोई बार - बार पढ़ी हुई किताब
सितारों से खिल रहा आसमां
चहल-पहल युक्त है चंचल रैना
और खलल डाल रहा महताब।।
Mohan Sardarshahari
Written by
Mohan Sardarshahari  56/M/India
(56/M/India)   
58
 
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