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Mohan Sardarshahari
Poems
Sep 2024
शायरी
शायरी जिसका नशा है
उसमें पेंच एक फंसा है
या तो इश्क करता है
या इश्क उसका लुटा है।
उदासी और तन्हाइयों में
शायरी में ढूंढता महबूबा है
जब भी कोई दिशा न दिखे
शायरी को चूम लेता है।।
लिख शायरी बेपरवाह सा
दिखता है फिर भी रूह को
शायरी में डुबाकर रखता है।
Written by
Mohan Sardarshahari
56/M/India
(56/M/India)
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