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Mohan Sardarshahari
Poems
Aug 7
100 ग्राम षड़यंत्र
काला दिन , एकदम स्याह
सवा सौ करोड़ , एक आह
सौ ग्राम षड़यंत्र बना अथाह
कुछ नियती की अपनी राह।
तमगा माटी,हम भी माटी
फिर भी चोट है बहुत खांटी
कालचक्र ने मारी गुलाटी
करोड़ों आशाएं मिल गयी माटी।
कभी -कभी तमगे पर भारी
खिलाड़ी से निकलती चिंगारी
जब युई सुसाकी तुझसे हारी
उन क्षणों पर देश बलिहारी।
अब तमगे का कोई मोल नहीं
जब "विनेश" ही रिंग में नहीं
तमगा छिना है भावनाएं नहीं
"विनेश" को झुठलाने का
कालचक्र में भी दम नहीं।।
# Vinesh Phogat's disqualification from 50 kg free style wrestling final match at Paris Olympic for 100 gm excess weight
Written by
Mohan Sardarshahari
56/M/India
(56/M/India)
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