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Jun 2024
आज उन्नतीस जून है
जीने का वही जूनून है
तुझ बिन बेनूर जिंदगी
ईश्वर तेरा कैसा कानून है।

कभी घबराता था
आत्मविश्वास देख तेरा
आज बन‌ गया‌‌ है देखो
तुम बिन सवेरा यहां अंधेरा।।

आय कम थी
जरूरतें ज्यादा थी
फिर भी विश्वास था क्योंकि
तू हरदम जीत को आमादा थी।

ढलती उम्र के साथ
यादें ज्यादा ताजा हो रही हैं
जीवन का तजूर्बा है
सत्य गांधी,तो आईना कस्तूरबा है।।
Mohan Jaipuri
Written by
Mohan Jaipuri  60/M/India
(60/M/India)   
76
 
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