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Mohan Sardarshahari
Poems
Apr 2024
आंखों से पिलायें
ये उषा की किरणें
ये शीतल हवाएं
यह सूना आकाश
सब मुझे बहकायें
यह चाय का कप
जिसका रंग सुनहरा
अब आ जाओ तुम
थोड़ी आंखों से पिलायें
कहीं यह चाय बन दर्द
प्रकट ना हो जाये
आंखों अश्क पहरा।।
Written by
Mohan Sardarshahari
56/M/India
(56/M/India)
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