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Armin Dutia Motashaw
Poems
Mar 2024
आजा होली आइ
🌈🌈🌈 आजा, होली आइ
भाए पिया मोहे बहुत सारे होली के रंग; इंद्रधनुष के, जैसे नीले, पीले, केसरी और लाल
पर भाए अधिक मोहे हरा और लाल, और उससे ज्यादा, सबसे प्यारा लगे मोहे गुलाल
चुनरिया अब मोरी कोरी है, तू रंगबे रंगी रंगो से भर दे उसे; रंग दे उसे लाल
कान्हा होली खेलने आ भी जा, इतना न तरसा मोहे; असवन से भर गए हैं मोरे गोरे गोरे गाल।
मीरा तरसे, राधिका तड़पे, गोपियों की अखियों से जल बरसे; मोहन, बुरा है हमरा हाल ।
तुझ बीन वृंदावन सूना, तेरे चरण स्पर्श करने के लिए जमुना का नीर अधीर, बुला रही है तुझे अनार, और कदमकी की हर
डाल
जो इस साल भी आ सके न तू, तो किसिके हाथ चुटकी भर रंग भिजवाना, हे घनश्याम, हओ मेरे गोपाल।
Armin Dutia Motashaw
Written by
Armin Dutia Motashaw
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