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Mohan Sardarshahari
Poems
Dec 2023
गुस्सा और किस्सा
तीन महिने से दर्शन दिये
हमने पूछा क्या हुआ था ?
वह बोली गुस्से में थी
हमने फिर पूछा
आज क्या हुआ ?
वह बोली आज
मैं तेरे किस्से में थी
धन्य हूं गुस्सा हो
या किस्सा वह
मेरे हिस्से में थी।।
Written by
Mohan Sardarshahari
56/M/India
(56/M/India)
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