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Apr 2023
गौ से गुंजित होती है तेरी हंसी की धुन
र जैसे रौशनी तेरी खिलती रहती है सदा
व है विश्वास हमें तेरे प्यार में, जैसे हों रब से बन्धा एक रिश्ता
द्वि है दिल में तेरे धड़कता, जैसे चाहत का हो तू उसूल
वे जैसे वक्त का हो जादू, जो बदल दे जिंदगी का हर ग़म को खुशी में
दी जैसे दिल का हो एक रिश्ता, जो देता हो हमें नयी उम्मीद और नई चाहतों की उस ताकत से पूरी दुनिया को चुन।
Self poetry
Gourav R Dwivedi
Written by
Gourav R Dwivedi  20/M
(20/M)   
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