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Feb 2023
रात भर इक चांद ने
ख्वाबों के झूले झुलाया
सुबह हुई तो चांद गायब
खुद को जमीन पर पाया
मेरा सच्चा प्यार वही जिसने
दे थपकी मुझे जगाया
फिर बिस्तर पर चाय लाया।।
Mohan Sardarshahari
Written by
Mohan Sardarshahari  56/M/India
(56/M/India)   
102
 
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