शिव सादगी शिव सहनशीलता जटाएं इशारा हैं जीवन की उलझनों का नन्दी प्रतीक है जीवन उपयोगिता का मृगछाला प्रतीक दमन तृष्णाओं का गले का नाग कहे जहर गले तक ही रहे सिर की गंगा कहे ठंडा मस्तिष्क रहे निर्वस्त्र शरीर कहे बिन दिखावे का अपना जीवन हो हर एक मनुष्य का शिव संकल्प हो फिर जीवन में ना कभी कठिनाई का बोध हो।।