HePo
Classics
Words
Blog
F.A.Q.
About
Contact
Guidelines
© 2025 HePo
by
Eliot
Submit your work, meet writers and drop the ads.
Become a member
Mohan Sardarshahari
Poems
Feb 2023
चिकित्सक के चला
चलो अब आ गया है फाल्गुन
सर्दी हो रही है धीरे-धीरे गुम
ऊनी पहनें तो गर्मी लगे
ना पहने जुकाम लगे
जाती सर्दी बड़ी बेरहम
ढा रही है सब पर सितम
बहती नाक, छिलता गला
भूला रही अगला-पिछला
रख मुंह रूमाल कोई खांसे
समझो चिकित्सक के चला।।
Written by
Mohan Sardarshahari
56/M/India
(56/M/India)
Follow
😀
😂
😍
😊
😌
🤯
🤓
💪
🤔
😕
😨
🤤
🙁
😢
😭
🤬
0
84
Please
log in
to view and add comments on poems