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Feb 2023
ये चोकलेट भी अजीब है
चूसकर खाऊं तो गंवार कहलाऊं
चबाने पर मुंह में ठहरा ना पाऊं
दांतों पर चिपकी सह ना पाऊं
गरमी‌ मिलते ही संभाल ना पाऊं
पैकिंग देखकर रोज ललचाऊं।

तू भी लगती एक चोकलेट
तेरी बातें सुन सुन शर्माऊं
देख देख तुझे लार टपकाऊं
साथ चले तो लोगों से डर जाऊं
ऊंच नीच हो तो तुझे संभाल ना पाऊं
देखें बिना तुझे रह ना पाऊं।

चल‌ मेरी‌‌ चोकलेट
आज से मैं ‌बर्फ बन जाऊं
सिने पर मेरे तू रहे सुरक्षित
बंधन‌ अपना हो जाये अक्षत
दुनिया में ‌निभ जाये दस्तूर
तेरी उंगली के स्वरों का मैं संतूर।।
Mohan Sardarshahari
Written by
Mohan Sardarshahari  56/M/India
(56/M/India)   
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