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Feb 2023
रात के बारह बजे मेरा दरवाजा खुला
सामने मेरे पिताजी थे
मैं कुछ नहीं बोला
कहने का वक्त कहां मिलता है
जब बदल जाता है चोला
सपने में ही सही मिलकर मन एक बार तो खिला।।
Mohan Sardarshahari
Written by
Mohan Sardarshahari  56/M/India
(56/M/India)   
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   SUDHANSHU KUMAR
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