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Jan 2023
ख़्वाबों के पंख होते हैं
उन्हें कोई पकड़ नहीं पाता
तेरी आंखें समुद्र हैं
मैं बाहर नहीं आ पाता
दोष ना ख़्वाबों का ना तेरा
इस जमीन पर रह कर
मैं सच्चाई समझ नहीं पाता।।
Mohan Sardarshahari
Written by
Mohan Sardarshahari  56/M/India
(56/M/India)   
  203
   SUDHANSHU KUMAR
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