दक्षिण से शुरू एक संदेश "भारत जोड़ो" जिसका नाम बच्चे, बड़े और बुजुर्ग शामिल हो फैला रहे हैं एक पैगाम भारत देश की खूबी है अनेकता में एकता गहराइयों तक डूबी है सड़क पर उतरें मां-बहनें समझो बड़ी मजबूरी है मंहगाई और बेरोज़गारी इस वक्त सब पर भारी है भूखे प्यासे जब हों इकट्ठा समझो बात अब न्यारी है भावनाओं के सागर में डूबे हमेशा अंहकारी हैं शब्दों से ना करो आखेट करोड़ों का खाली है पेट करोड़ों हाथ बिना काम कहां जायेंगे चढ़ बुलेट जागो जागो अब भी जागो कहीं और हो जाये ना देरी प्रजातंत्र की रणभेरी ना तेरी है ना है मेरी।।