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Mohan Sardarshahari
Poems
Nov 2022
एक लफ्ज़ में हिसाब
कभी उसे गुलाब कहा
कभी बाग की बुलबुल
उसकी प्यारी बातें मेरे
दिल मचाती हलचल
एक दिन उसने माथे बांधा
हरी चुन्नी का साफा
मैंने चाहत यूं जताई
कहा तुम हो कली गुलाब
उसने कुछ यूं फरमाया
तुम हो फूलगोभी जनाब
मेरे रंगीन सपनों का
एक लफ्ज़ में हुआ हिसाब।।
Written by
Mohan Sardarshahari
56/M/India
(56/M/India)
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