यह दक्षिणी तेज हवाएं बादलों से घिरा हुआ आकाश पेड़ों का हवा के कारण एक दूसरे पर गिरना यह माघ का ठंडा दिन यह शनिवार की छुट्टी पीली टोपी में तेरा वो सुनहरा सा चेहरा आंखों में चमक झकाश देखना तेरा मुझे जैसे मैं हूं कोई कांच कर देता है मेरे विवेक की छुट्टी लगता है दिन कहता है आज कह लो जो कुछ है कहना वरना शमां ने तो है बुझना तुम्हारे हिस्से रहेगा कुढ़ना।।