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Jan 2022
आज एक और रसीद आई
सुबह-सुबह उमंग ले आई
सौदागर के सपने भरने
देखो यह सुनहरे रंग में आई।

मकर सक्रांति पर्व पर यह
विचारों को पंख लगाने आई
बिन चरखी और डोर के ही
मुझको आकाश घुमाने आई।

मेरे कोमल मन को देखो
जहां की सैर कराने आई
मावठ के इस शीत मौसम में
शब्दों से इश्क की खुमारी लाई।।
# Publication of Saudagar
Mohan Jaipuri
Written by
Mohan Jaipuri  60/M/India
(60/M/India)   
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   Surkhab and SUDHANSHU KUMAR
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