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Sep 2021
आगे बढ़ना जिंदगी है
पीछा वह जो जीया है
कामना के भंवर जाल में
पीछा अनुभव का दीया है।
सूरज हो या चंदा सब
जगह आवृत्ति का धंधा
थोड़ा पीछा भी याद रखें
तो जीवन‌ लगे ना फंदा।।
#On publication of backspaced
Mohan Sardarshahari
Written by
Mohan Sardarshahari  56/M/India
(56/M/India)   
87
   Khaab
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