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Aug 2021
आज लड़कियां हारी नहीं हैं
बल्कि दब गई इनमें चिंगारी है।

अगले ओलंपिक बनके शोला दहक उठेगीं
तब पड़ने वाली दुनिया पर ये भारी हैं।

जितना तपता सोना है
उतना निखार आता है।

आज नहीं तो क्या हुआ
कल हमें जीतना आता है।

पहुंच सेमीफाइनल मान तो देश का बढा ही दिया
बस पदक जीतना बचा है
ऐसे ही जज्बा बरकरार रहे
अगले ओलंपिक स्वर्ण तमगा पक्का है।

विजेता की तरह आपका
स्वागत वापसी पर पक्का है
पलकों पर बिठाएगा यह देश आपको
इसमें जरा भी नहीं शंका है।।
Mohan Jaipuri
Written by
Mohan Jaipuri  60/M/India
(60/M/India)   
79
 
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