पीले वस्त्रों में तुम गेंदे का फूल लगती हो दिलो -दिमाग पर छाने वाला नूर लगती हो आती होंगी जो हवायें वहां से वो सेंसर होती होंगी तभी तो हम तुम्हारी तस्वीर देख रहें हैं वरना शायद हम सुगंध से मदहोश हो गये होते और तुम्हारे नूर के नगमे गाकर बदनाम हो गये होते।।