इमली का बूटा बेरी के बेर इमली खट्टी मीठे बेर आज जंगल में नहीं रहा शेर इमली खट्टी आज खट्टे हुए बेर इस दुनिया में आकर रहता नहीं कोई अमर पर जाना शरीर का मिटा सकता नहीं आपकी सिनेमा जगत को दी गई अमूल्य धरोहर पीढ़ियां दोहराएंगी आप की कहानियां जन्नत तक पहुंचती रहेंगी जिनकी प्रतिध्वनियां।।