Submit your work, meet writers and drop the ads. Become a member
Dec 2020
चेहरे पर सुकून बस  दिखाने भर का है ,
वरना बेचैन तो बस तुझे देखने का है|

हिम्मत नहीं , तुझे खोने की ,
तलब कुछ मेरे अंदर है |

चाहत बता रहीं फ़ासलो की मोहब्बत ,
अब बस तुमसे मिल कर,
थोड़ा गुरुर लाना है ||
Simran pawar
Written by
Simran pawar  20/F/Delhi
(20/F/Delhi)   
481
 
Please log in to view and add comments on poems