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Dec 2020
बोर्डर कहता मुझ पर
कभी‌ ठहरना मत
वरना होगा विप्लव
घर के बॉर्डर नजरें जो ठहरे
तब पड़ोसियों में उपद्रव।

देश के बोर्डर सेना टिके
तब मानवता घुटने टेके
राजधानी बॉर्डर किसान डटे
तब अर्थशास्त्र कोने में सिमटे
साड़ी बॉर्डर नजरें टिके तो
समझो पांचो पांडव बिके
सदा करो बॉर्डर का सम्मान
इसमें है सबका कल्याण।।
Mohan Jaipuri
Written by
Mohan Jaipuri  60/M/India
(60/M/India)   
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   Eshwara Prasad
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