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Mohan Sardarshahari
Poems
Oct 2020
वर्तमान
चला जाता है अतीत
यादों में फिर भी बना है रहता
भविष्य का नहीं है पता
फिर भी यह जीने नहीं देता
वर्तमान है जीवन का भाग्य विधाता
इसका उपयोग करना नहीं आता
बिना दृढ़ निश्चय के
संबल इसको बना नहीं पाता
जीवन की इस भूलभुलैया में
इतनी सी बात मैं समझ नहीं पाता।
Written by
Mohan Sardarshahari
56/M/India
(56/M/India)
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