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Oct 2020
चला जाता है अतीत
यादों में फिर भी बना है रहता
भविष्य का नहीं है पता
फिर भी यह जीने नहीं देता
वर्तमान है जीवन का भाग्य विधाता
इसका उपयोग करना नहीं आता
बिना दृढ़ निश्चय के
संबल इसको बना नहीं पाता
जीवन की इस भूलभुलैया में
इतनी सी बात मैं समझ नहीं पाता।
Mohan Jaipuri
Written by
Mohan Jaipuri  60/M/India
(60/M/India)   
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