HePo
Classics
Words
Blog
F.A.Q.
About
Contact
Guidelines
© 2025 HePo
by
Eliot
Submit your work, meet writers and drop the ads.
Become a member
Armin Dutia Motashaw
Poems
Oct 2020
बलात्कार
क्या मिलता है आप लोगों को, मचा कर यह झुठा हाहाकार ?
कांपत है रूह हर बालाका, जिसपे होता है बलात्कार
उसके मात पिता, भाई बहन को यू क्यूँ सताते हो बार बार?
रखना स्व को उनकी जगह, फिर मचाना यह हाहाकार ।
पता है हम सब को यह तो, बना लिया है इसे आपने, अपना व्यापार
बन गया है आपका पेशा, यह चीखना, चिल्लाना लगातार
क्या आप को लगता है कि सही है आपका यह घिनोना व्य्हवार?
कैसे लगेगा आपको, जब कोई और करेगा आपसे यह दुर्व्यहवार?
कहती हूँ, करती हूं निवेदन, बंध करो यह अत्याचार ।
Written by
Armin Dutia Motashaw
Follow
😀
😂
😍
😊
😌
🤯
🤓
💪
🤔
😕
😨
🤤
🙁
😢
😭
🤬
0
39
Stalwart Dull
Please
log in
to view and add comments on poems