अरे यह तो बताओ तुम चाहते हो क्या? अलग-थलग भी कर दोगे , जो पाना चाहते हो वो पा लोगे, हम भूल जाएंगे मगर इतिहास नहीं भूलेगा। दंगे भी कर आओगे, खेद भी जताओगे एक बात याद रखना तुम बड़ा पछताओगे।
नमक वाली रोटियां खिलाओगे, पानी वाली चाय बनाओगे बिन कारण लाठियां चलवाओगे आजाद देश बोलकर मीडिया को झुकाओगे ध्यान भटका कर चाय और बिस्कुट भी तुम खाओगे पर एक ना एक दिन अपने आप को कटघरे में पाओगे।
सीएए के नाम पर हमें तुम डराओगे बेतू के कागज मांग कर बाहर का रास्ता दिखाओगे कपड़ों का रंग देखकर क्रोनोलॉजी तुम बताओगे अंटिनेशनाल बोलकर हर प्रश्न को दबाओगे जो आग तुमने लगाई है वह कैसे भुजाओगे ऐसी हाय लगेगी उस मां की की फूट फूट कर मर जाओगे।
बस मन की बात तक सीमित रह कर काम की बात को तुम भूल जाओगे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस तो होती नहीं तुमसे तुम क्या आत्मनिर्भर बनाओगे साल दर साल सिर्फ आरक्षण को भी तुम बढ़ाओगे चाइना को झूठा बोलकर डिटेंशन कैंप बनवाओगे मरने के बाद सीधा तुम नरक ही जाओगे।
एक बात याद रखना दोस्त तुम बड़ा पछताओगे, तुम बड़ा पछताओगे।