अब तारीफों का वक्त नहीं एहसासों को पढ़ना अच्छा है मिले कहीं पुराने दोस्त चेहरे की रंगत पढ़ना अच्छा है बिन पूछे ही सब जान लें इतना तजुर्बा रखना अच्छा है लफ्जों का कोई बोझ नहीं पर हल्के लफ्जों से भारी कुछ नहीं ना आए कभी हल्के लफ्जों का भार यह दुआ सौ दुआओं से अच्छी है।
The Cheap words are the heaviest thing in this world.