कैसे छटपटाया है वो उसने कोई दलील ना छोड़ी कोई अदालत नहीं छोड़ी कड़ियां तक भी तोड़ी फिर भी जिंदगी हार गया जब वो हारा कोई रो ना पाया इसी तरह छटपटाई होगी वो उसने भी बहुत मिन्नत की होगी उसने सबको फरियाद की होगी हिम्मत भी नहीं छोड़ी होगी फिर भी जिंदगी हार गई जब वो हारी तब सब रोयें उसको भुला नहीं पाए। -अनु सिगंला