Submit your work, meet writers and drop the ads. Become a member
Jun 2020
आज एनिवर्सरी पर्ल है
जीवन कहां अब सरल है।

आदर्श आपके हमारी शक्ति हैं
जीवन जीने की युक्ति हैं
यादें आपकी हर पल आती हैं
जीवन का राग सुनाती हैं
          जीवन धारा अविरल है
          पर जीवन कहां अब सरल है
          आज एनिवर्सरी पर्ल है।

ना जीवन में वो उमंग है
ना कपड़ों में वो रंग है
दिल की गली अब तंग है
ना संगीत में रंगत है
ना भोजन में वह रस है
          बस कालचक्र अटल है
          पर जीवन कहां अब सरल है
          आज एनिवर्सरी पर्ल है।

ना लाभ - हानि की फिक्र है
ना सुख- दुख: का कोई जिक्र है
ना मौसम का कोई फेर है
ना दिन में कोई दिलचस्पी है
ना अंधेरे का डर है।
          बस प्रकृति नियमों पर अमल है
          पर जीवन कहां अब सरल है
          आज एनिवर्सरी पर्ल है।

जो जवां चले जाते हैं
वो हमेशा जवां यादों में दिखते हैं
शायद उनकी शक्ति हमारे साथ रह जाती है
और हमारी थाती बन जाती है
          यही अब जीवन संबल है
          पर जीवन कहां अब सरल है
          आज एनिवर्सरी पर्ल है।
Mohan Jaipuri
Written by
Mohan Jaipuri  60/M/India
(60/M/India)   
30
   nidhi jaiswal
Please log in to view and add comments on poems