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Mohan Jaipuri
Poems
Jun 2020
ये अंगुलियां
ये अंगुलियां भी कमाल हैं
जब कोई अपना इन्हें होठों पर रख दे
तो बन जाती मुश्किल में ये ढाल हैं।
जब कोई इनसे भोजन बनाकर खिला दे
तो तृप्ति होती बेमिसाल है।
जब दो प्रेमी बिछड़ जाएं
तो अंगुलियों पर गिनती करते
दिलों का बुरा हाल है।
जब कोई कम ज्यादा बोल दे
भेद दिल का खोल दे
ये अंगुलियां उठकर कर देती बेहाल हैं।
जब मूंगा पहनी उंगली की
कोई चेहरे से ज्यादा तारीफ कर दे
तो मच सकता बवाल है
कहलाता यह फ्लर्ट है
इसलिए रहना हमेशा अलर्ट है।
Written by
Mohan Jaipuri
60/M/India
(60/M/India)
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