अद्भुत है जीवन का खेल नित नई सीख और नए अनुच्छेद कहीं लाचारी और गरीबी की अमरबेल कहीं नफरत, दु:ख और घोर अवसाद अनंत जिजीविषा और असीमित लालसा जिस पर ना कभी पड़े नकेल जीवन का यह गूढ़ रहस्य अब तक ना कोई पाया बेध ममता और प्यार कहलाता है अनमोल फिर भी वहीं से पनपती है दु:खों की सेज जिसने समय रहते समझा ये खेल उसने ही जीता जीवन का युद्ध जैसे प्रभु यीशु या गौतम बुद्ध ।