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May 2020
अद्भुत है जीवन का खेल
नित नई सीख और नए अनुच्छेद
कहीं लाचारी और गरीबी की अमरबेल
कहीं नफरत, दु:ख और घोर अवसाद
अनंत जिजीविषा और असीमित लालसा
जिस पर ना कभी पड़े नकेल
जीवन का यह गूढ़ रहस्य
अब तक ना कोई पाया बेध
ममता और प्यार कहलाता है अनमोल
फिर भी वहीं से पनपती है दु:खों की सेज
जिसने समय रहते समझा ये खेल
उसने ही‌ जीता जीवन का युद्ध
जैसे प्रभु यीशु या गौतम बुद्ध ।
Mohan Jaipuri
Written by
Mohan Jaipuri  60/M/India
(60/M/India)   
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   MS Anjaan
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