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Mar 2020
जब मास्क नहीं लगाते हो
            फिर क्यों आते हो?
ना हाथ मिलाना, ना गलबहियां करना
बस आंखें मिला लेना जल्दी-जल्दी
अभी फिजां है कुछ बदली-बदली
सांसें अभी सांसत में हैं
क्यों सांसो पर जुर्म करते हो?
जब मास्क नहीं लगाते हो
            फिर क्यों आते हो?

साबुन छोड़कर कहीं ना चलूं मैं
सैनिटाइजर के अलावा कुछ ना लूं मैं
भीड़ में है कोरोना का खतरा
क्यों तुम नादान बनते हो?
जब मास्क नहीं लगाते हो
               फिर क्यों आते हो?
A poem for corona prevention
Mohan Jaipuri
Written by
Mohan Jaipuri  60/M/India
(60/M/India)   
25
 
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