ना काले गोरे का भान हो बस सही भावों का उत्थान हो नकारात्मकता का पतन हो हृदय की बात सुनी जाए कोई राज बीच ना रह जाए उम्र की ना कोई चर्चा हो जमाने की रुसवाई पर ना खफा हों बस आंखों में विश्वास हो चेहरा ही सब बता जाए कोई राज बीच ना रह जाए चांद ,तारे मिले ना मिलें फूलों से सेज खिले ना खिले फुर्सत के क्षण मिले ना मिलें आंखों में आशा मिल जाए कोई राज बीच ना रह जाए अपनो के आंगन सदा घूमें स्नेह हमेशा आंचल चूमे देश - दुनिया में घूमे ना घूमें ख्वाबों की दुनियां ना मुरझाए कोई राज बीच ना रह जाए